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ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए क्या करना चाहिए: शुगर कम करने के 12 घरेलू उपाय

ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए कुछ घरेलू तरीके हैं जो आप आएंगे तो आपके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल और मैनेज करने में काफी मदद मिलेगी। भारत की पारम्परिक चिकित्सा शैली आयुर्वेद के अनुसार ऐसी कुछ जड़ी बूटियां और फल फूल एवं पौधे इत्यादि चीज़े एवं गतिविधियां हैं जिसे अगर हम अपनी दिनचर्या में शामिल करें तो कई बीमारियां हमारे दूर दूर तक नहीं फटकती। 

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इतना हीं नहीं, स्वस्थ्य दिनचर्या एवं बैलेंस्ड भोजन से सिर्फ आम बिमारिओं से हीं छुटकारा नहीं पाया जा सकता बल्कि इससे कई क्रोनिक बीमारियां जैसे की  डायबिटीज,बवासीर हाई ब्लड प्रेशर और मधुमेह जैसे बिमारियों को भी काबू में रखने में काफी मदद मिलती है। 

इस पोस्ट में हम कुछ ऐसे हीं आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक नुस्खे और तरीकों का उल्लेख करेंगे जिसे अपना कर आप को हाई ब्लड शुगर को कण्ट्रोल करने में सहायता मिलेगी। ये घरेलु उपचार आप अपने परिजनों के ब्लड शुगर को कण्ट्रोल करने के लिए भी रेकमेंड कर सकते हैं जिससे उन्हैं नैचुरली अपने हाई ब्लड शुगर को कण्ट्रोल करने में सहायता मिलेगी। 

ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए करने के लिए जीवनशैली में करें यह पांच बदलाव

हाइड्रेटेड रहना (Stay Hydrated)

शायद ये इतना आसान है की हममें से हर कोई इससे अपनी जीवनशैली में शामिल कर सकता है। कई विशेषज्ञ और डॉक्टर इस बात से सहमत हैं कि अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहने से आपको बिना ज्यादा हलचल के प्राकृतिक रूप से टाइप 2 मधुमेह का प्रबंधन करने में मदद मिल सकती है क्योंकि यह रक्त की मात्रा और हाई ब्लड शुगर को कम करने में मदद करता है। [1]

आप जितना अधिक हाइड्रेटेड रहेंगे, आपके शरीर से उतने ही अधिक अपशिष्ट उत्पाद फ़िल्टर होंगे। अगर आप हाइड्रेटेड रहते है तो आपकी किडनी भी बेहतर काम करती है और रक्तप्रवाह से अतिरिक्त ग्लूकोज (शुगर) को हटा देती है।

उचित हाइड्रेशन स्वस्थ रक्त परिसंचरण (ब्लड सर्कुलेशन) और ऊर्जा (पाचन क्रिया) के लिए ग्लूकोज (शुगर) को प्रभावी ढंग से उपयोग करने की कोशिका (सेल्स) की क्षमता को भी सुनिश्चित करता है। पर्याप्त रक्त परिसंचरण भी शरीर को इंसुलिन को ठीक से प्रसार करने में मदद करता है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध दूर होता है और ग्लूकोज चयापचय उत्तेजित होता है।

स्वस्थ आहार (Balanced Diet for Carbs Management)

ब्लड शुगर को कंट्रोल करने का एक आसान और प्राकृतिक तरीका संतुलित और स्वस्थ आहार का पालन करना है जिसमें कार्बोहाइड्रेट कम हो।

वास्तव में, जब आप फलों, सब्जियों, साबुत अनाज,  प्रोटीन, पत्तेदार साग और हेअल्थी  जैसे संपूर्ण खाद्य पदार्थों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो आपका शरीर स्वचालित रूप से रक्त शर्करा के स्तर और ग्लूकोज को स्वाभाविक रूप से प्रबंधित करने में सक्षम होगा।

इसके अलावा, यह सलाह दी जाती है कि आप कार्बोहाइड्रेट से भरे, तले हुए और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को सीमित करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपका शरीर अतिरिक्त ग्लूकोज और वसा का उत्पादन नहीं कर रहा है।

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नियमित व्यायाम (Regular Exercise)

आयुर्वेद में बीमारी की जगह, बीमारी के कारणों की तह में जाकर उसका इलाज ढूंढने की प्रक्रिया अपनाई जाती है।  आयुर्वेद के अनुसार, यह तन मन और आत्मा का संतुलन है जो समग्र स्वास्थ्य और कल्याण का मूल मंत्र है। अगर हमारी शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक ऊर्जा में किसी भी प्रकार का असंतुलन होता है तभी हम रोगग्रसित होते हैं। 

एक स्वस्थ जीवनशैली अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है। यहां तक कि वैज्ञानिक अध्ययनों ने भी नियमित व्यायाम और बढ़ी हुई इंसुलिन संवेदनशीलता के बीच सीधा संबंध दिखाया है। योग, व्यायाम, जॉगिंग या दौड़ जैसी शारीरिक गतिविधि आपके शरीर को ग्लूकोज का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करने में मदद कर सकती है।

फिट रहने और स्वस्थ रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने के लिए खुद को और अपने प्रियजनों को नियमित व्यायाम या शारीरिक गतिविधि में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें।

तनाव प्रबंधन (Stress Management)

तनाव रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकता है और यकीन मानिए, जब हम ये कहते हैं की हमारे गतिहीन शहरी जीवन के अभिशापों में से एक है जिसे आज कल की जनरेशन अपने कॉर्पोरेट कामों में व्यस्त रखते हुए जीते हैं।

तनाव और चिंता को कम करने के लिए, यह अनुशंसा की जाती है कि आप एक स्वस्थ जीवन शैली और संतुलित आहार का पालन करें।

गहरी सांस लेने, ध्यान लगाने या अपनी पसंदीदा गतिविधियों जैसे की विश्राम की तकनीकों को आजमाने से आपके ओवरआल स्वास्थ्य को लाभ हो सकता है और आपको स्वाभाविक रूप से मधुमेह और ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।

पर्याप्त नींद (Adequate Sleep)

अच्छी नियमित नींद कई बीमारियों के इलाज के लिए स्वाभाविक रूप से लाभ पहुंचाती है। कई अध्ययनों से पता चला है कि प्रभावी पाचन क्रिया एवं मेटाबोलिज्म के लिए अच्छी नींद लेना भी काफी लाभकारी है।

सुनिश्चित करें कि आपको हर रात पर्याप्त आरामदायक नींद मिले।

अक्सर यह सलाह दी जाती है कि आपको प्रतिदिन 6-8 घंटे सोना चाहिए जो आपको स्वस्थ और तनाव और चिंता से मुक्त रखता है।

स्वस्थ नींद के स्तर को अक्सर विशेषज्ञों द्वारा आपके शरीर की कोशिकाओं को इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में मदद करने वाला माना जाता है जो बदले में रक्त शर्करा के बढ़े हुए स्तर को कम करने में मदद करता है।

ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए क्या खाना चाहिए: अपनाएं ये पांच हर्बल/आयुर्वेदिक विकल्प को खाने में  

दालचीनी (Cinnamon)

हमारी पिछली प्रविष्टियों में से एक में, हमने आपके दैनिक आहार में दालचीनी को शामिल करने के अविश्वसनीय स्वास्थ्य लाभों के बारे में विस्तार से बात की है।

प्राचीन काल से ही आयुर्वेद में दालचीनी का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए किया जाता रहा है, जिसे अब विज्ञान भी समर्थन दे चुका है।

कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि दालचीनी इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार और रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद कर सकती है।

आप दालचीनी को दलिया, दही या स्मूदी पर छिड़क कर अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। दालचीनी को अपने दैनिक आहार में शामिल करने का एक और तरीका यह है कि इसे अपनी चाय में शामिल करें।

एक वैज्ञानिक अध्ययन ने निष्कर्ष निकाला है कि दालचीनी में खराब मधुमेह वाले व्यक्तियों में ग्लाइसेमिक इंडेक्स में सुधार करने की क्षमता है।

और अधिक जानकारी के लिए दालचीनी के स्वास्थ्य लाभों पर हमारी पोस्ट पढ़ें

मेंथी (Fenugreek)

हमारी पिछली पोस्टों में से एक में, हमने मेथी के अविश्वसनीय लाभों के बारे में बात की है और आप इसे विभिन्न प्रकार की बीमारियों और शारीरिक असंतुलन को क़ाबू में करने और नियंत्रित करने के लिए घरेलू उपचार के रूप में विभिन्न रूपों और तरीकों से कैसे उपयोग कर सकते हैं।

मेथी के बीजों में मधुमेह से लड़ने की क्षमता रखने वाले गुण पाए गए हैं और यह रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं।

एक वैज्ञानिक अध्ययन में पाया गया है कि मेथी के बीजों को अपने आहार में शामिल करना भोजन शरीर में ग्लूकोज़ की खपत और इंसुलिन की संवेदनशीलता को प्रोत्साहित।  इस प्रकार मेथी के सेवन से आपके शरीर को डायबिटीज को सुचारु रूप से प्रभंदित करने में मदद पहुंचा सकता है।

मेथी के सेवन का एक आसान टकीहै है की इसके कुछ दानों को रात भर पानी में भिगोकर रखें और सुबह सुबह खाली पेट इनका सेवन करें।

अधिक जानकारी के लिए मेथी के स्वास्थ्य लाभों पर हमारी लेख को पढ़ें

सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar)

कुछ वैज्ञानिक शोध से पता चलता है कि सेब साइडर सिरका इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार कर सकता है और हाई ब्लड शुगर के स्तर को कम कर सकता है। एक से दो बड़े चम्मच एप्पल साइडर विनेगर को पानी में मिलाएं और भोजन से पहले पियें।

पत्तीदार शाक भाजी (Leafy Greens)

भले ही आपको मधुमेह हो या न हो और आपको ब्लड शुगर की भी कोई समस्या न हो, पत्तेदार सब्जियाँ आपके आहार का एक अनिवार्य हिस्सा होना चाहिए। ये स्वादिष्ट हरी सब्जियां महत्वपूर्ण पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत हैं जो हमारे शरीर को बेहतर ढंग से कार्य करने में मदद करती हैं।

पत्तेदार सब्जियाँ फाइबर से भरपूर होती हैं और इनमें कार्बोहाइड्रेट भी कम होती हैं। पालक, ब्रोकोली, लेट्यूस, केल, पत्तागोभी, कोलार्ड ग्रीन्स, स्विस चार्ड, टर्निप ग्रीन्स आदि जैसी सब्जियों में कार्बोहाइड्रेट काफी कम होता है जो सीधे हमारे रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित करता है।

इसके अलावा, ये पत्तेदार सब्जियाँ विटामिन (ए, सी और के), फाइबर और खनिजों का अपर स्रोत हैं और इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी काफी कम होता है (एक मूल्य जिसका उपयोग यह मापने के लिए किया जाता है कि विशिष्ट खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर के स्तर को कितना बढ़ाते हैं). इसलिए इनके नियमित सेवन से  डायबिटीज जैसी स्थाई बिमारी के प्रबंधन में काफी लाभ मिलता है। 

एवोकाडो (Avocado)

एवोकाडो को “ए फ़ूड फॉर आल सीजन” (सभी मौसमों के लिए भोजन) के रूप में जाना जाता है।  मन जाता है की इस बड़ी बेरी के फल में ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में एवं मधुमेह (टाइप 2 डायबिटीज) के प्रबंधन सहित स्वास्थ्य लाभ पहुँचाने वाले अन्य कई गुण शामिल हैं। एवोकाडो हमारे शरीर के सुचारू कामकाज और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण उन पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जिनकी हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से अक्सर कमी होती है।

यह एक विज्ञान-समर्थित तथ्य है कि एवोकैडो हृदय की रक्षा करने वाले कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में स्वभाविक रूप से मदद कर सकता है और स्वस्थ ब्लड प्रेशर बनाये रखने में मदद पहुँचता है और हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करता है।

यह एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट रसायनों का भी एक समृद्ध स्रोत है जो ऑक्सीडेटिव तनाव और हमारी कोशिकाओं और ऊतकों को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद करता है।

एवोकैडो में स्वस्थ वसा (हैल्दी फैट्स) होती है, इसका माप ग्लाइसेमिक इंडेक्स में भी काफी कम होता है।  जब स्वस्थ वजन प्रबंधन (वेट मैनेजमेंट) की बात आती है तो यह लाभकारी फल काफी उपयोगी होता है। स्वस्थ्य वजन से मधुमेह के संचालन और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए खासा महत्वपूर्ण मन जाता है।

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अंगूर और ब्लूबेरी (Grapes & Blueberries)

शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक वैज्ञानिक अध्ययन में पाया गया कि कुछ फल और सब्जियां खाने से वयस्कों में मधुमेह टाइप 2 का खतरा कम हो सकता है। अध्ययन में, यह पाया गया कि “प्रति सप्ताह ब्लूबेरी, अंगूर, किशमिश, सेब या नाशपाती की तीन सर्विंग खाने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 7% तक कम हो जाता है।”

हालाँकि, उसी अध्ययन में, यह भी पाया गया कि इन फलों को जूस के रूप में सेवन करने से मधुमेह प्रबंधन या रक्त शर्करा नियंत्रण में मदद नहीं मिली।

ब्लड शुगर कंट्रोल के लिए हर्बल चाय और ग्रीन टी (Herbal Tea and Green Tea)

माना जाता है कि हरी चाय, दालचीनी चाय, होली बेसिल चाय (तुलसी चाय) , या मेथी चाय जैसी कुछ हर्बल चाय रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में संभावित लाभ देती हैं।

ग्रीन टी को अक्सर एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों वाला माना जाता है। इसका मतलब है कि नियमित रूप से हर्बल चाय पीने से शरीर की कोशिकाओं द्वारा चीनी की मात्रा बढ़ जाती है जिससे रक्त शर्करा का स्तर कम हो जाता है।

निष्कर्ष

हालाँकि, याद रखें कि ब्लड शुगर कण्ट्रोल करने के लिए घरेलू उपचारों को चिकित्सा उपचारों की जगह नहीं लेना चाहिए।

हाई ब्लड शुगर के घरेलू उपाय कभी-कभी स्थाई/अस्थायी राहत या सहायता प्रदान कर सकते हैं, पर आपको हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि वे उचित चिकित्सा देखभाल का विकल्प नहीं हैं, खासकर अगर ब्लड शुगर काफी हाई हो जाए। ऐसे में डॉक्टरी परामर्श जरूर लें या अस्पताल जाएं। 

यदि आपके रक्त शर्करा का स्तर उच्च है, तो यह अनुशंसा की जाती है कि आप एक योग्य चिकित्सा पेशेवर/डॉक्टर से तत्काल चिकित्सा सहायता लें जो ऐसे स्वास्थ्य मुद्दों से निपटने में सक्षम हो।

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इसके अलावा, यदि आप ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए दवा (आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक अथवा अंग्रेजी/एलोपैथिक) ले रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप चिकित्सक से परामर्श किए बिना इसे बंद न करें।

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